छतीसगढिया गोठ हमर गवई गांव

                       छतीसगढिया गोठ  हमर गवई गांव 
एक गांव चार भाई रहय जे मन   बढ़िया सुंदर ढंग ले अपन  गांव  ला संजोके के रखे रहेय | अउ बड़ा ही सुन्दर रूप ले गांव म जीवन बसर करै |  जौन  लईका मन के नाम अइसन असन  रहय ग  एक भाई के नाम (समाज )रहय २ दुसरैया भाई  (धरम )तिसरिया भाई( ग्यान )चौथया भाई के नाम रहय(विज्ञानं )
समाज ह अपन नाम के अनुसार पूरा गांव माँ संचालन करै पूरा गांव  म  एक मंच ले संजोके रखे रखे रहय  जेमा 
गांव के परम्परा के संचालन बने रहय अइसन तरीका से समाज ह गांव के संचलन करै | 
धरम  के रूप में यह      प्रकृति के गुण  के बखान ला बताय अउ गांव के पेन पुरखा वाणी सिखाय अइसन टाइप से धरम के काम रहय 
ज्ञान  शिक्छा  से परिपूर्ण रहय जेखर भाति ओहा गांव म लोगन ला शिक्छा के ज्ञान से गावँ
वाले मन ला ज्ञान अर्जित करवाय
अउ साबले छोटे भाई रहे जेखर नाम विजन जेहा अपन गांव म विज्ञान के अविष्कार से संसोधित करके ओकर गुण के गुणगान ला करिया ला बताय 
तो अइसन प्रकार ले हमर गवई गांव मा गांव के संचलान ह होय औ सुघर व्यवस्था बने रहे | 
कुछ दिन बीतत गइस ओकर बाद कही से एक झन तुरी ह आथे जेखर नाम रहय राजनिति  गांव म की मोर कोनो सुनैया नई हे कहिके समाज धरम ज्ञान विज्ञान के बिच म आंके कहिथे भैया मोर कोनो नई हे मई लावारिश हो मोला घलो अपन संग म राख लो कहके विनती करते | ता दया माँ आके चारो भाई 
ओ राजनीती ला अपन बहन बनाके साथ म ले लेथे 
अब भैया कुछ दिन बताए के बाद गांव के रहन सहन देखके सोचिस की ये चारो भाई सा म ज धारम ज्ञान मोर हाथ म हे अउ विज्ञानं ला तो कहि भी नचा सकत हों अइसन तरीका ले   हमर वो राजनीती बहन ह भाई भाई के बिच रोटी ला सेकट हे जे पूरा गांव ला उझड़ डिश भाई भाई ला महाभारत के युद्ध में लड़ा दरिश फुट डालना सुरु कर दिश भाई भाई के बिच म झगड़ा लाड़वा बर लागिश अइसन तरीका ले राजनीत समाज माँ कहर ले के आइस 


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